Amazing Facts about Lal Bahadur Shastri in Hindi – लाल बहादुर शास्त्री के बारे में रोचक तथ्य
Lal Bahadur Shastri in Hindi पढ़कर आपको भी पता लग जाएगा कि शास्त्री जी कितने महान इंसान थे। भारत के सफलतम प्रधानमंत्रियों में एक श्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर सन 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री की स्वच्छ छवि के कारण 27 मई, 1964 को नेहरू जी के मृत्यु के बाद शास्त्री जी को देश की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। 11 जनवरी, 1966 में ताशकंद में उनका निधन हो गया था। यहां हम लालबहादुर शास्त्री से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे जो आपने आज तक नहीं पढ़े होंगे:
1. शास्त्री जी के सिर से पिता का साया काफी कम उम्र में ही उठ गया था। पढ़ने में कुशाग्र बुद्धि होने के कारण उन्होंने नाना-नानी के यहां रहकर प्राथमकि शिक्षा पूरी की। आर्थिक तंगी के कारण वो नदी तैरकर स्कूल में पढ़ाई करने जाते थे।
2. उनके पिता जी का नाम शारदा श्रीवास्तव प्रसाद और माता जी का नाम रामदुलारी देवी था। उनकी दो बहनें थीं। शास्त्री जी के पोते यानी अनिल शास्त्री के बेटे आदर्श शास्त्री ने 2014 में एप्पल कंपनी में अपनी अच्छी-खासी जॉब छोड़कर आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली।
3. काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि मिलते ही जन्म से चले आ रहे जातिसूचक शब्द श्रीवास्तव को हटा कर अपने नाम के आगे हमेशा के लिए शास्त्री लगा लिया।
4. 16 मार्च 1928 को उनकी शादी मिर्जापुर के ललिता देवी से हुई थी और उन्होंने दहेज के तौर पर एक चरखा और कुछ गज कपड़ा लिया था।
5. स्वतन्त्रता के पश्चात उनको उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मंत्रिमंडल में परिवहन मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने पहली बार महिला कंडक्टर्स की नियुक्ति की थी।
6. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग उन्होंने ही आरंभ किया था।
7. बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि परिवहन में जो आप महिलाओं के लिए आरक्षित सीट देखते हैं उनकी शुरुआत भी लाल बहादुर शास्त्री ने की थी.
8. शास्त्री जी की देन थी रेलवे में थर्ड क्लास। उन्होंने फर्स्ट क्लास और थर्ड क्लास के किराया में काफी अंतर कर दिया था। इससे कमजोर तबके के लोगों को बड़ी राहत मिली थी। एक रेल दुर्घटना के बाद उन्होंने 1956 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. यह उनकी मानवता का एक उदाहरण था.
9. भगत सिंह के जीवन पर बनी फ़िल्म ‘शहीद’ देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री रो पड़े थे.
10. सफेद क्रांति/दुग्ध क्रांति को लाल बहादुर शास्त्री ने ही अपने कार्यकाल में बढ़ावा दिया था। आनंद, गुजरात के अमूल दूध कॉपरेटिव के साथ मिलकर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की स्थापना की।
11. 1964 में जब शास्त्री जी देश के प्रधानमंत्री बने तब अमेरिका से अनाज मंगाया जाता था और 1965 में युद्ध के दौरान भारत सूखे की मार झेल रहा था तो अमेरिका ने गेहूँ देने से मना कर दिया तब शास्त्री जी ने कहा नही चाहिए हमे तुम्हारें गले-सड़े गेहूँ.. और देशवासियों से अपील की कि हफ्ते में एक दिन उपवास रखे ताकि अनाज की कम लागत हो.
12. पाकिस्तान ने 1965 में यह सोचकर भारत पर हमला किया कि 1962 में चीन से लड़ाई के बाद भारत की ताकत कमजोर हो गई होगी, जब राष्ट्रपति ने आपात बैठक बुलाई और तीनों सेनाध्यक्ष ने कहा कि हमें बताइये कि अब क्या करना है तो शास्त्री जी का तत्काल उत्तर था कि आप देश की रक्षा कीजिए और हमें बताइये कि क्या करना है। शास्त्री जी के नेतृत्व में भारत ने पाक को कड़ी शिकस्त दी।
13. लाल बहादुर शास्त्री की दूरदर्शिता काबिले तारीफ थी। युद्ध के दौरान पंजाब के रास्ते लाहौर में सेंध लगाकर पाकिस्तान को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया।
14. “जय जवान-जय किसान” का नारा शास्त्री जी ने दिया था। इससे भारत की जनता का मनोबल बढ़ा और देश एकजुट हो गया।
15. शास्त्री जी की मृत्यु आज तक एक रहस्य बनी हुई है. ताशकन्द समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद चीन में हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई. उनके इस अकस्मात निधन ने कई सवाल खड़े किए. उनके घर वाले और मानते थे कि उनकी हत्या ज़हर देकर की गई थी. अगर उस दिन पोस्टमार्टम हो गया होता तो सारी सच्चाई सामने आ जाती लेकिन ऐसा नही हो सका. शास्त्रीजी को उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए आज भी पूरा भारत श्रद्धापूर्वक याद करता है। उन्हें मरणोपरान्त वर्ष 1966 में भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।
dhanyawaad
Please write on Lata Mangrshkar
bahut hi interesting
Has yae too bandhu tumnae Sahi likhaa hai